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नगर पालिक निगम भिलाई द्वारा विभिन्न आवासीय/व्यवसायिक योजनाओ में प्रतिबंधित व्यवसाय को छोड़कर अन्य आवासीय/व्यवसायिक प्रयोजन हेतु रिक्त भूखंडो का अंतरण 30 वर्षीय लीज के लिए जारी निविदा/प्रस्थापना आमंत्रण क्रमांक/दो/संवि/499/2024 दिनांक14/08/2024 हेतु ऑक्शन सूचना (Auction Schedule)                   स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत जारी दिशानिर्देशों के अनुक्रम में राज्य के बीटेक/बीई स्नातक आवेदकों से Swachh TULIP कार्यक्रम अंतर्गत TULIP INTERN TRAINEE हेतु आवेदन आमंत्रित किया जाता है। (जनस्वास्थ्य विभाग)                   (अधिसूचना) वित्तीय वर्ष 2024-2025 में संपत्तिकर के स्व-निर्धारण हेतु वार्षिक भाड़ा मूल्य की दरे एवं जोनो का वर्गीकरण                   टोल फ़्री नम्बर निदान-1100 में भी COVID-19 से संबंधित शिकायत दर्ज करने के सम्बन्ध में                   शासकीय दस्तावेज बनाने हेतु मोर संगवारी सेवा टोल फ्री न. 14545 पर कॉल करे
नगर परिचय एवं नगर का विकास
भिलाई नाम की उत्पत्ति भिलाई गांव से हुई है, जो इस नगर के उत्तर में स्थित है। सन् 1956 तक भिलाई गांव एक छोटा सा ग्राम था, जिसकी जनसंख्या 350 थी । सन् 1955 में भारत एवं सोवियत रुस में संपन्न एक समझौते के अंतर्गत इस्पात कारखाना स्थापित किया गया। भिलाई इस्पात संयंत्र कारखाना स्थापित होने से क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों में वृद्वि हुई।

   श्री विष्णु देव साय
माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़

संक्षिप्त परिचय - नगर पालिक निगम भिलाई मुम्बई - हावड़ा रेल्वे लाइन तथा राष्ट्रीय राजपथ क्रमांक - 6 के किनारे, 21013 उत्तर अक्षांश एवं 81026 पूर्व देशांश में, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित भिलाई, सन् 1955 तक एक छोटा, शांत और धान की खेती पर पोषित गांव मात्र था। 14 मार्च 1955 को भारत शासन और तत्कालीन सोवियत संघ के मध्य, भिलाई में एक मिलीयन टन क्षमता के इस्पात कारखाना लगाने का समझौता हुआ जिसने न केवल भिलाई जिसने न केवल भिलाई की, वरन् इसके आस-पास बसे सैकड़ों गांवों की काया पलट दी। मुंबई-हावड़ा रेल्वे लाइन के उत्तर में भिलाई इस्पात संयंत्र और उसकी टाउनशीप बनाने का निर्णय लिया गया और इसके दक्षिण में श्रमिकों के लिए अस्थायी निवास हेतु भूमि दी गई। अवधारणा यह थी कि कारखाना प्रारंभ होने के बाद, उक्त अस्थायी निवास हट जावेंगे और भूमि खाली हो जावेगी, किन्तु ऐसा हो न सका। बसाहट बढ़ती गई और मूलभूत सुविधा विहीन बस्तियाँ बनती गई। दुर्ग-भिलाई की जनसंख्या सन् 1951-71 के दशक में 86 प्रतिशत तथा 1971-81 के दशक में 113 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सन् 1981-91 के दशक में 89 प्रतिशत एवं सन् 1991-2001 के दशक में 77 प्रतिशत की वृद्धि हुई।      Read more

मानच्रित्र
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Current Date & Time :20-Nov-2024 22:29

Last Updated :20-Nov-2024

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